"महिषासुर और पांच अरब से अधिक दैत्यों का वध"


देवताओ के तेज से नारी रूप धारण करने वाली माँ भवानी जब सिंह गर्जना की तो पुरा ब्रह्मांड हिल गया और राक्षस महिषासुर की सेना अपनी चतुरंगिणी सेना को इक्कठा करके माँ सिंहासनी से युद्ध करने को सज्ज हुई। महिषासुर की दैत्यों की सेना पांच अरब सात करोड़ एक लाख बीस हजार से अधिक 5,07,01,20,000 रथियो के साथ युद्ध को सज्ज हुई थी ।

साठ हजार रथियो के साथ उदग्र नामक दैत्य युद्ध करने लगा 
एक करोड़ रथियो के साथ महाहनू नामक दैत्य युद्ध करने आया 
असिलोमा नामक महादैत्य पांच करोड़ रथियो के साथ रणभूमि में आया 
साठ हजार रथियो से घिरा हुआ बाष्कल नामक दैत्य लड़ने लगा 
पारिवारित नामक राक्षस अपने हाथी घोड़ों के साथ एक करोड़ रथियो के साथ युद्ध करने आया 
5 अरब रथियो के साथ बिडाल नामक दैत्य युद्ध करने लगा 

ये रथियो को टोली को एक-एक करके माँ देवी ने ध्वस्त की और सभी राक्षसो का विनाश। 

फिर अंत में महिषासुर अपने कोटी कोटी सेना शस्त्र के साथ त्रिनेत्र वाली परमेश्वरी से युद्ध करने आया।
जब सारे दैत्यों का संहार महिषासुर ने देखा तो वह भैसे का रूप धारण करके देवी के गणो को त्रास करने लगा (देवी जितने निःश्वास छोडे़ उससे सैकड़ों हजारो तत्काल गण बनके देवी के तरफ से युद्ध करना आरंभ किये।) और गण सेना को गिराकर कर महादेवी के तरफ प्रहार को बढा़ 

पुरे युद्ध के दौरान महिषासुर ने अनेक रूप धारण करके महादेवी से बचने लगा इस क्रम में वह पहले भैसा -सिंह- खड्गधारी पुरुष -गजराज- बनके पुनः भैसा बनके युद्ध करने लगा अंत में महादेवी ने पैर से दबा कर अपने शूल से उसके कण्ठ पर आघात किया फिर भी आधे शरीर से वह युद्ध कर रहा था तब देवी ने बहुत बड़े तलवार से उसका मस्तक काट दिया और फिर दैत्यों की सेना हहाकर करके भाग गयी और देवता अत्यंत प्रसन्न हो गये। 

देवताओ ने दिव्य महर्षियों के साथ दुर्गादेवी का स्तवन किया और गन्धर्वराज गाने लगे तथा अप्सराये नृत्य करने लगी।

जय माँ दुर्गा 🙏🚩

Comments

  1. माँ भगवती इतनी शक्ति संसार कि बेटियों को देना की वो खुद कि रक्षा करने मे सक्षम हो जाए जय माता दी 🙏🙏

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